शिमला।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के लिए स्वीकृत सभी 10 मातृ एवं शिशु अस्पतालों (एमसीएच) का निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि के भीतर पूर्ण किया जाना चाहिए ताकि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हों।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सौभाग्यशाली है कि छोटा राज्य होने के बावजूद प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में छः चिकित्सा महाविद्यालय तथा एक एम्स कार्यशील है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केन्द्र सरकार की विशेष उदारता के कारण ही यह संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री तथा वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने प्रदेश के लिए 10 मातृ एवं शिशु अस्पताल स्वीकृत किए थे। उन्होंने कहा कि इन सभी अस्पतालों के कार्य में तेजी लाई जानी चाहिए ताकि इन्हें शीघ्र पूरा किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल मण्डी में 27 करोड़ रुपये की लागत से 100 बिस्तर क्षमता वाला एमसीएच विंग बनाया जा रहा है, जो आगामी दो माह के भीतर पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में 20 करोड़ रुपये की लागत से 100 बिस्तर क्षमता वाला एमसीएच विंग तथा डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में एमसीएच विंग इस वर्ष दिसम्बर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को नागरिक अस्पताल नूरपुर, क्षेत्रीय अस्पताल ऊना, क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन तथा डाॅ. यशवन्त सिंह परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में एमसीएच विंग का कार्य निर्धारित समयावधि के भीतर पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा कि 319.53 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय चम्बा के निर्माण कार्य में तेजी लाई जानी चाहिए ताकि यह कार्य 31 अगस्त, 2022 तक पूर्ण किया जा सके। उन्होंने कहा कि डाॅ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर के निर्माण कार्य में भी तेजी लाई जानी चाहिए, जिसके लिए 355 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने इस चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण कार्य में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि डाॅ. यशवन्त सिंह परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन से संबंधित वन स्वीकृतियां जैसे मुद्दांे को शीघ्र ही निपटाया जाना चाहिए, ताकि 260 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले इस महाविद्यालय का कार्य निर्धारित समयावधि के भीतर पूरा किया जा सके।
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें आश्वस्त किया कि सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय अवधि में पूर्ण करने के प्रयास किए जाएंगे।
निदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रधानाचार्य इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला डाॅ. रजनीश पठानिया ने विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों के निर्माण कार्य की प्रगति पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल, मिशन निदेशक एन.एच.एम. डाॅ. निपुण जिंदल व अन्य अधिकारियों ने शिमला में बैठक में भाग लिया जबकि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक आर.के. शर्मा, प्रमुख अभियन्ता पी.डब्ल्यू.डी. संजय शर्मा, प्रमुख अभियन्ता जल शक्ति विभाग नवीन पुरी, सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने बैठक में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।